स्वर कोकिला लता मंगेशकर
हुई 92 साल की स्वरों की देवी
जियो हजारो साल भारती बेटी
दे रहे अशीष बड़े बुजुर्गों ने
दे रहे शुभकामनाएँ भाई -बहनों
भारत माता की तू अभिमान है
राष्ट्र की बागों की मीठी तान है
फैली है लताएँ जग की वादी में
स्वर लहरा रही दुनिया दारी में
मीठी धुन लहरायी फिजाओं में
सादगी मल्लिका की अदाओं में
माँ भारती की बेटी महान तू है
आन बान और हमारी शान है
लक्ष्मी बनकर धुल में लेटी है
सरस्वती बन घर-घर बैठी है
स्वर बनकर राष्ट्र की धड़कन
हर क्षेत्र में लहरायी परचम
वीर शहीदों के गीतों को गाकर
13साल में हिलायी दुनिया को
एकता की तान छेड़ी ललना ने
बाँधी है जग ,प्रेम की डोरी से
जय हिन्द
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