Sharad chandra kirne by Anita Sharma

 शरद-चंद्र-किरणें*

Sharad chandra kirne by Anita Sharma


ऐ तकदीर मेरी मुझको चाँद से मिला रही।


इक चाँद आसमान में इक है मेरे पास भी।


सितारों ने रौनक आज मेरे दामन मे भर दी।


ये हसीं चाँदनी रात चाँद सितारों से भर दी।


तुम्हारी मौजूदगी से दमक रही दुनिया मेरी ।


इक चाँद आसमान पर इक है मेरे सामने ।


खिल उठी चमक आंखो में मेरी आशा बन।


चाँदनी रात की श्वेत चाँदनी ओढ़ी धरा।


और तुम हो मेरे पास तो एहसास खास है।


मैं पूनम तुम चाँद हमारे तारों की बारात है।


श्वेताम्बर-श्वेत-धरा है,मन बहका-बहका सा।


आसमान से रजत चंद्र छिटकी वसुधा पर।


पुलकित हृदय रजत कणों की अनुपम कृति

निरख।


पूर्ण चंद्र खिला खिला,तटस्थ शान्त चित्त धरा।


झर रही रजत चान्दनी अम्बर से धरती पर।


हो रहा मधुर मिलन चंद्र-चाँदनी-धरा पर।


एक चाँद आसमान पर एक है मेरे सामने।

------अनिता शर्मा झाँसी
-------मौलिक रचना

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