सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से

 सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से - पुष्ट जानकारी प्रभावी संचार, सुशासन और पारदर्शिता की कुंजी है 

sacchai chup nhi sakti banawat ke usulon se


मीडिया संचार का शक्तिशाली माध्यम हैं - गलत सूचनाओं, अफ़वाह, फर्जी खबरों को रोकने समाज के हर वर्ग को सुजाग व सचेत रहना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

 - भारत में कई बार हम सुनते हैं, खासकर एक प्रदेश के बारे में कि वहां इतने घंटे, इन क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा ब्लॉक की गई है या इन क्षेत्रों में सर्वेयर बंद है या किया गया है। साथियों हम सब जानते हैं कि इसका कारण अफवाहें, गलत सूचनाएं और फर्जी खबरों का संचार प्रभाव से रोकने और सुख शांति, अमन चैन कायम रखने के लिए शासन, प्रशासन द्वारा सुरक्षा कारणों से रणनीतिक तौर पर इस तरह की प्रक्रिया या कार्यवाही की जाती है और फिर अमन-चैन वापस आने पर सभी संचार सुविधाएं बहाल कर दी जाती है। साथियों बात अगर हम मीडिया की करें तो मीडिया संचार माध्यम का एक सशक्त, शक्तिशाली माध्यम है और इसे चौथे स्तंभ के रूप में माना जाता है जिसका रोल हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। मीडिया की देश और नागरिकों के प्रति कर्तव्य और जवाबदारी है कि सत्यता को उनके सामने लाए। देश की जनता द्वारा चुनी गई सरकारें, सरकारों द्वारा नियुक्त प्रशासन-शासन उन्होंने कर्तव्य और जवाबदेही को पूर्णता से जनहित में निभा रहे हैं?? विपक्ष का रोल, गतिविधियों के बारे में जानकारी, शासकीय जनहित योजनाओं की खूबियां, कमियां, भ्रष्टाचार, प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन इत्यादि अनेक मुद्दोंपर सत्यता को उजगार करना मीडिया का सशक्त काम है जो बखूबी से निभाने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नैतिकता से सभी साथियों को निभाना है। साथियों बात अगर हम बड़े बुजुर्गों द्वारा कही बातों की करें तो उनके वचनों का एक-एक शब्द ऐसा अनमोल मोती की भांति है जो दिशानिर्देश के काम आता है उन्होंने सत्य ही कहा था,,सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से,, वाह!!! क्या बात है!!! साथियों, यह सच है कि हम कितने भी अपुष्ट जानकारी, झूठी अफवाहें, गलत सूचनाएं या फर्जी खबरें फैलाएं, परंतु आज नहीं तो कल सच्चाई सामने आ ही जाती है, क्योंकि झूठ, सच्चाई को ज्यादा दिन छुपाने में कामयाब नहीं रहता है!! जीत हमेशा सच्चाई की होती है!! जो हमने अभी अभी दशहरे के माध्यम से सुनी कथाओं से समझे व सीखे हैं। साथियों बात अगर हम पुष्ट जानकारी की करें तो यह पुष्ट जानकारी ही प्रभावी संचार, सुशासन, और पारदर्शिता की कुंजी है क्योंकि यही जानकारी राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डाटा का हिस्सा होती है। इसलिए शासकीय-प्रशासकीय अधिकारियों का यह प्राथमिक उत्तरदायित्व, जवाबदेही बनती है की पुष्ट जानकारी और डाटा ही मीडिया में जारी करें और अपुष्ट जानकारियों को सिरे से खारिज़ कर उनके लीकेज को बंद करने में पूरा जोर लगाना चाहिए और गलत सूचनाओं, फ़र्जी खबरों और अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर उनके ऊपर प्राथमिकता से तात्कालिक कार्रवाई कर कदम उठाना होगा जिससे देश का सकारात्मक माहौल बिगाड़ने से बचाया जा सके। साथियों बात अगर आम दिनांक 19 अक्टूबर 2021 को माननीय राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सूचना सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ बातचीत की करें तो पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने भी कहा, मीडिया को एक शक्तिशाली माध्‍यम बताते हुए वह चाहते है कि इस माध्‍यम का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ किया जाए ताकि अपेक्षित बदलाव आए। उन्होंने अपनी परिचित शैली में कहा, जुड़ें, संवाद करें और बदलाव लाएं। उन्होंने अपने आवास पर 2020 बैच के भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए कहा कि सरकारों और नागरिकों के बीच की खाई को पाटनेमें जन-संचारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा,यदि आप विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को सरल और स्पष्ट भाषा में सूचित करते हैं, तो वे अपने अधिकारों और सरकारी प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। इससे पारदर्शिता आती है। उन्होंने कहा कि पुष्ट जानकारी सरकार की तरफ से संचार की कुंजी है। उन्होंने सूचना सेवा के अधिकारियों से गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने उनसे सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषयों पर काम करने को कहा। जैसे-लैंगिक असमानता और कुछ वर्गों में वैक्सीन लगाने को लेकर हिचकिचाहट को दूर करना। उन्होंने सुशासन में प्रभावी संचार की भूमिका पर जोर देते हुए आज जन-संचारकों अर्थात पब्लिक कम्यूनिकेटर्स से लोगों को समय पर स्थानीय भाषाओं में सरकार की नीतियों और पहलों की जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाने की अपील की। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से, पुष्ट जानकारी प्रभावी संचार प्रशासन और पारदर्शिता की ही कुंजी है तथा मीडिया संचार का शक्तिशाली, सशक्त माध्यम है और गलत सूचनाओं और फ़र्जी खबरों को रोकने समाज के हर वर्ग को सुजाग व सचेत रहना ज़रूरी है।


-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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