रिश्ता में छल
कुछ दिन पहले गांधीनगर गुजरात के मंदिर की गौ शाला में किसी का १० माह के बालक को छोड़ जाने के बारे में अखबार में पढ़ा था तो सोचा की कोई अनब्याही मां का काम होगा यह।गलत सामाजिक तरीकों से जीवन जीने वालों को अनैतिक तरीके अपनाने पड़ सकते हैं ये तय हैं।
लेकिन जो हकीकत बाहर आई वह दिल दहला देने वाली हैं।सचिन एक शादी शुदा और एक बच्चे का पिता था। जो एक दिन खरीदारी करते हुए एक मेंहदी नाम की सेल्स गर्ल के संपर्क में आया ,पहचान हुई फिर दोस्ती और दोनों ने लिव–इन संबध के अंतर्गत साथ में रहने लगे।मेंहदी को भी पता था कि वह एक शादीशुदा आदमी के साथ अनैतिक संबंध बना रही हैं फिर भी उसने सचिन को स्वीकार कर लिया और गृहस्थी बसा ली थी। सचिन ने भी उसे होंसला दिया था कि वह अपनी पत्नी को तलाक दे कर और उसके बच्चे को छोड़ कर उसको कानूनन अपना लेगा।अब तक वह सप्ताह के चार दिन,सोमवार से शुक्रवार तक मेंहदी के साथ और शनि और रविवार को अपने परिवार के साथ रहता था।और ऐसे ही जीवन बीत रहा था।कुछ दो साल के सहजीवन के बाद शिवांग का जन्म हुआ और सुंदर बच्चे को पा कर मेंहदी खुश थी ,शिवांग भी १० महीने का हो गया था और शिवांगी उसके पहले जन्मदिन को मनाने का आयोजन करने लगी थी।लेकिन सचिन से उसकी ये मांग हमेशा से रही कि उसे कानूनन पत्नी स्वीकार कर उसे और उसके बच्चे को सारे अधिकार दें।
अब ये मांग जगड़ों में रूपांतरित हो चुकी थी और आए दिन जगड़ों का स्वरूप उग्र से अति उग्र होता जा रहा था। सचिन १० दिनों के लिए अपने परिवार और माता पिता के साथ सामाजिक कार्य से बाहर जा रहा था और मेंहदी को ये मंजूर नहीं था।इसी बात पर हादसे के दिन खूब जगड़ा हुआ और सचिन ने मेंहदी को चांटा मार दिया।और मेंहदी ने भी उसका प्रतिरोध कर सामना किया और गुस्से में सचिन ने मेंहदी का गला घोंट हत्या करदी, रोता हुआ शिवांग ये सब देख तो रहा था किंतु उस १० माह के मासूम को क्या हो रहा था वह कहां से समझ आएगा?
जब सचिन को अपनी भयंकर परिस्थिति के बारे में होश आया तो उसने मेंहदी की लाश को ठिकाने लगाने के लिए कहीं फेंकने के लिए बैग में भर ली।लेकिन समय के अभाव में वही बाथरूम में बैग को छोड़ शिवांग को उठा कर अपने घर न ले जाकर मंदिर की गौशाला में छोड़ दिया ताकि उसे वहा आसरा मिले।कुछ दिनों की जांच में सचिन पकड़ा गया और पुलिस जांच कर रही हैं।अब सचिन का गुनाह साबित होने पर सचिन को सज़ा हो जायेगी,मां मेंहदी तो भगवान को प्यारी हो चुकी हैं तो क्या होगा इस मासूम का? अपने माता पिता की गलती की सज़ा उस मासूम को मिलेगी!और सचिन के अपने बच्चा ,पत्नी और माता पिता भी बेकसूर होते हुए भी सज़ा पाएंगे।क्या अनैतिकता का परिणाम कभी सही हो सकता हैं?मुक्त जीवन के पक्ष में सोचने वालों के लिए ये एक वार्निंग हैं।अपने जीवन को दांव पर लगा क्या पाया मेंहदी ने? और अपने पत्नी और बच्चे से की बेवफाई कर क्या पाया सचिन ने?ये सिर्फ एक हादसा नहीं अपने समाज में फैल रही अपने आप को आधुनिक समझने वाली विचार शैली का असर हैं।
जयश्री बिर्मी
अहमदाबाद
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