Online gaming by Jay shree birmi
ऑनलाइन गेमिंग
करोना के जमाने में बहुत ही मुश्किलों में मोबाइल ने साथ दिया हैं छोटी से छोटी चीज ऑन लाइन मिल जाती हैं।अभी भी कोई भी चीज मंगवानी हो तो प्राथमिकता तो ऑन लाइन को ही दी जाती हैं।कुछ तकलीफें भी आई हैं उत्पाद की गुणवत्ता आदि में ,लेकिन फिर भी जो सहुलिया मिलती हैं उसे नकारा नहीं जाता।
इसमें वयस्क लोगों के लिए तो ये आशीर्वाद हैं,क्योंकि न तो उन्हें दफ्तर जाना हैं और न ही धनोपार्जन की जरूरत हैं ।अच्छी तरह से बिताने के लिए ये आशीर्वाद रूप हैं।आज कल परिवार के सभी सदस्य अपने अपने कार्यो में मसरूफ हैं,उन के पास परिवार बुजुर्गो के साथ समय बिताने का समय ही नहीं हैं,ऐसे में फोन ही उनका सहारा हैं।थोड़ा आंखों को नुकसान भी करता हैं,किंतु थोड़ा ध्यान रखने से ज्यादा क्षति नहीं पहुंच सकती हैं।
लेकिन युवाओं के लिए जिनको आमदनी करनी हैं उनके लिए ये समय का व्यय हैं।अगर वे जो समय ऑन लाइन खेलों बिताते हैं उसे अपने काम में लगाए तो उन्हे आर्थिक फायदा होगा।कई बार तो ऐसी लत लगती हैं खेलने की कि अगर खेलना नहीं मिलता हैं तो स्वभाव में चीड़चीड़ापन आ जाता हैं और कई बार तो आक्रमक भी हो जाते हैं लोग जो काफी हानिकारक हैं परिवार के लिए और समाज के लिए भी।
और ये बच्चों के लिए तो और ही नुकसानदेह हैं।उनकी पढ़ाई का हर्ज तो होता ही हैं साथ में उनके हाथ के नाजुक स्नायु और नसों पर भी नकारात्मक असर होता हैं जो वह खुद नहीं समझते और खेलने की जिद्द अपनाही नुकसान कर लेते हैं। ऑन लाइन गेमिंग आधुनिक खोज का एक नकारात्मक पासा हैं जो अपनी आगामी पीढ़ी को काफी नुकसान होने वाला हैं,अगर अभी से उसका इलाज नहीं किया गया तो।
इस क्षेत्र में सबसे पहले चीन ने कानून बनाया हैं,हफ्ते में तीन दिन ही बच्चें उनके लिए निश्चित समय पर ही ऑनलाइन खेल खेल सकते हैं उससे ज्यादा नहीं।अपने देश में भी आंध्र,तेलांगन और कर्नाटक ने इनके उपर प्रतिबंध लगाए हैं।जैसे ही खेलने के लिए साइट पर जाते हैं संदेश आ जाता हैं"सॉरी द लॉ इन योर स्टेट डज नॉट परमिट यू टू प्ले फैंटेसी स्पोर्ट्स"।
इन प्रतिबंधों के बावजूद अगर लोग खेलना चाहते हैं तो किसी भी प्रकार से खेल लेते हैं,उन्हे स्वैच्छिक तौर पर ही खेलना बंद करना या कुछ समय तक ही खेलने की एक हद तय करनी होगी।
वैसे भी फैंटसी की दुनियां में जीना सीख व्यक्ति या बच्चा वास्तविक जिंदगी में संघर्ष कर परिस्थितियों का सामना करने में असमर्थ सा हो जाता हैं।एक मजबूत समाज को बनाने के लिए इस लत से देश को बचाना बहुत ही आवश्यक हैं। पब्जी खेलने के पर जब नियंत्रण लगे थे तो उसका भी खूब विरोध हुआ था।