*माँ कालरात्रि*
सप्तम रूप माँ जगदम्बे का
माँ कालरात्रि कहलाये,
शुभकारी फल देती मैय्या
शुभंकारी भी कहलाये।
रुप भयानक, डरावनी
पर भक्तों को नहीं कमी,
दुष्टों का विनाश है करती
काल विनाशिनी माँ।
भूत प्रेत सब दूर रहे
अग्नि, जल,शत्रु का न भय,
ग्रहबाधा का नाश करे
कालरात्रि माँ।
एकनिष्ठ, नियम,संयम से
पवित्र मन,वाणी,काया से,
जो भी माँ का ध्यान करे
माँ उसकी बाधाओं का
पल भर में ही नाश करे।
शुभफल देने वाली
विघ्नबाधा को हरने वाली,
जय कालरात्रि माँ
जय विघ्नविनाशिनी माँ।
Comments
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com