भेद भाव
भेद भाव के रंग रूप में बंटा हुआ संसार है।
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एक ईश की संतान सभी हैं।
मत भेदभाव दिलों में रखो।
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छोटा सा जीवन है सबका हिल-मिल खुशी से जी लो ।
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हंसते-बोलते साथ साथ रह लो।
जाति पांति में बंटकर वैमनस्यता मत बढ़ाओ।
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रंग भेद या भाव भेद में मत उलझ तकरार बढ़ाओ।
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न कोई ऊँचा न कोई नीचा।
समभाव मैत्री सुख पाओ।
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भेदभाव से ऊपर उठकर नव संसार बनाओ।।
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