Aaj ka kramveer by Jay shree birmi
आज का कर्मवीर
जैसे हम बरसों से जानते हैं फिल्मी दुनियां में सब कुछ अजीब सा होता आ रहा हैं।सभी के जीवन में कुछ न कुछ घटता रहा हैं जो सामाजिक नियमों से परे हैं।वह चाहे राज कपूर हो,धर्मेंद्र हो,कोई भी अभिनेत्री हो।पहले भी शराब की पार्टियों में धुत हुए लोगो की खबरें और फोटो दिखती रहती थी।लेकिन आजकल वे शराब और स्त्री मित्र बनाने से तो कुछ ज्यादा ही आगे निकल गए हैं।जब भी देखोंं कोई न कोई खबर आती रहती हैं इनकी अय्याशियों की इंतहा की।कास्टिंग काउच तो एक रिवाज सा बन गया हैं ।अभिनेत्रियां सहमति से काम पाने के लिए सारे कांड कर तो लेती हैं और बाद में मौका मिलते ही शिकायते कर अपनी ही कमजोरी को दूसरों पर मढ कर उन्हे बदनाम कर खुद खबरों में आके अपनी प्रसिद्धि कर के फायदा उठाती हैं। यहां नैतिकता शब्द को शब्द कोष से निकाला जा चुका हैं।
अब तो शराब की पार्टियों के बदले रेव होती हैं,इन पार्टियां के अलावा विदेशों से आयती कल्चर के अनुकरण कर के गै एवम लेस्बियन पार्टियां का भी आयोजन होता हैं।जिस में जिस्म का प्रदर्शन हो वैसे कपड़े,और नशीले पदार्थो का सेवन ही मुख्य होते हैं।कई बार सामाजिक पटल पर इन पार्टियों के चित्र देखें तो पता लगता हैं कि कितनी नजदीकियां होती हैं इन लोगों की पार्टी में।सब नशे में मदहोश हो रातभर पार्टियों में अपने ही चरित्र से गिरते रहते हैं।इन में धनवान बाप के बिगड़े हुए बच्चें– जैसे राजकरणियों के ,बड़े बड़े कॉरपोरेट हस्तियों के, डॉन याने भाई लोगों के –अपने बाप के पैसों पर अनाचारी ऐश करते हैं।ये आजकल की बात नहीं हैं, सालों से हो रहा अनैतिक तमाशा हैं जो सामाजिक पटल पर कार्यवाही होने की खबरे आनी जबसे शुरू हुई हैं। पहले न ही इन पर रेड पड़ती थी और न ही पता लगता था लेकिन आज कल इनकी पार्टियों के चर्चे आम हो गए हैं,रेड पड़ने से सारे परदे फाश हो गए हैं।
अब इन लोगों में फड़फड़ाहट आई हैं कुछ डर सा माहौल हैं क्योंकि नारकोटिक्स कंट्रोल विभाग के जां बाज ,मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की रेड की वजह से।पहले मिली सूचना के आधार पर बहुत ही बाहोशी से अपने २० अफसरों को ,आर्यन ने जिस क्रूज में अपने मित्रों के साथ पार्टी का आयोजन किया था,उसी में टिकिट ले उसने प्रवेश ले लिया ताकि मौका देख सब को रंगे हाथ पकड़ा जाए।समीर वानखेड़े इंडियन रेवेन्यू सर्विस की २००८ की बैच के अफसर हैं और फिल्मी लाईन के सभी गोरख धंधों, कौभांडो आदि से पूरी तरह वाकिफ हैं और उनके विरुद्ध एक्शन लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं।जब वे मुंबई इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर डेप्युटी कस्टम कमिश्नर थे तब भी उन्होंने विदेश आने जाने वाले फिल्मी हीरोज को बगैर कस्टम ड्यूटी भरे कीमती ,करेंसी,सोना आदि सामान नहीं ले जाने देते थे। कइयों के तो जूलरी,आदि पकड़ ड्यूटी या दंड वसूला करते थे।अगर वे अपनी धौंस या ताकत दिखाते थे या राजकीय नेताओं से फोन भी करवाते थे तो वे परवाह नहीं करते थे। उनके स्टाफ को खास सूचना थी कि कोई भी सेलिब्रिटी आए तो उन्हें ऑटोग्राफ या सेल्फी न ले सिर्फ अपनी फर्ज का पालन करें।सेलिब्रिटी को अपनी ट्रॉली खुद ही चलाने का हुक्म था ,उनका स्टाफ नहीं चलाएगा। ताकि किसी और के नाम पर अवैध समान देश में न आ जाएं। एकबार एक साउथ अफ्रीकन क्रिकेटर अपने साथ २० बॉटल्स वाइन की लाया था ,कानूनन वह दो बोतले बैगर ड्यूटी दिए ला सकता था और १८ की ड्यूटी भरनी पड़नी थी।उसने अपने भारतीय क्रिकेटर मित्र को फोन कर सिफारिश करवाई किंतु उस फोन की परवाह नहीं कर नियम के हिसाब से १८ बोटोलों पर ड्यूटी ले ली गई थी।
जब से नारकोटिक्स विभाग में आए तब से बहुत लोगों को पकड़ा भी हैं।पिछले साल ६० जीतने ड्रग पेडलर को पकड़ा जा चुके हैं । गोरेगांव के एक सिरजोर ड्रग पेडलर ने तो उन पर जन लेवा हमला भी करवाया था लिकन वे उसे पकड़ के रहे थे ।
सुशांत सिंह राजपूत के केस में भी ड्रग का मामला होने की आशंका भी उन्ही को हुई थी।और उसके बाद भारती सिंघ के घर भी उन्ही ने रेड की थी और् दीपिका पादुकोण,सारा अली खान,रकुल प्रीत सिंघ और दूसरे बहुत लोगों की पूछताछ कर ड्रग के धंधे की सभी बाते उजागर करने वाले इस कर्मवीर को हीरो से कम उपाधि नहीं मिल सकती हैं।ड्रग के कारोबार ही अपने देश की जड़ों को कमजोर कर रहा हैं, ऐसे में समीर वानखेड़े जैसे बहादुर और जांबाज अफसरों की देश को बहुत जरूरत हैं।जो अपने पर मंडरा रहे खतरों की परवाह न करके कर्तव्य बद्ध हो अपना फर्ज निभा रहे हैं।ये देखना भी जरूरी हैं कि इनके द्वारा पकड़े गए लोगो को अपनी करनी की सज़ा मिले।