Aabha laghukatha by Anita Sharma

 "आभा"

Aabha laghukatha by Anita Sharma


आज आभा कोलिज की दोस्त अनिता से बात करते हुए अतीत में खो गयी।वही पुरानी यादें और बातें।सागर यूनिवर्सिटी में दोनो ने बीए में एडमीशन लिया था और घर भी आस पास ही थे।आभा एम ई एस कोलोनी में रहती थी ,अनिता कैन्टोनमैन्ट सी ई ओ रेसीडेंस में।बस स्टॉप से साथ बस से यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी से घर।

दोनो एकदम संकोची और डरपोक ।

खैर.....आज बहुत समय बाद मोबाइल पर बात हुई पुरानी बातों में गोता लगाते आभा और अनिता आज की बातों में निकल पड़ी.....पर.......आज वो दोनो आत्मविश्वास से लबरेज़ सशक्त महिला हैं जो घर बच्चों को संभाल रही है।बातों-बातों में दोनो ने कयी अनुभव एक दूसरे से बांटे।

आभा सहसा अतीत की घटना बताते हुए खो सी गई------19/5/2015

आभा की छोटी भाभी दीप्ति अपने दोनो छोटे बच्चों को लेकर अकेली बम्बई से शिवपुरी मायके ए सी बोगी से जा रही थी।आभा चूंकि उज्जैन में रहती थी उसने फोन पर दीप्ति से मिलने और घर का खाना लेकर स्टेशन आने की बात कही।आखिर आभा बुआ का लाड भतीजी भतीजे के लिए स्वभाविक था।न जाने बच्चों के लिए चटरपटर चाकलेट आदि लेकर स्टेशन पहुंची।ट्रेन चार बजे नियत समय से आई।ओह ये क्या?एसी कोच में चढ़ते ही बहुत भीड़ दिखी शायद कोई झगड़ा हुआ उसे अंदेशा हुआ पर छोटी भाभी भतीजे भतीजी से मिलना था तो भीड़ को चीरती हुई सीधे अपनी बेटी सृष्टि के साथ पहुँची।वहां जाकर देखा एक दम्पति को लोग घेरे थे।महिला अचेत थी।यकायक आभा बोली उतर जाइये यही।इन्हें अस्पताल ले चलते हैं।और... अचेत महिला का पति मान गया।ट्रेन चल पड़ी तभी आभा ने कहा चेन खींचकर गाड़ी रोको।

स्ट्रेचर से अपने फैमिली डाक्टर के पास लेकर गयी।हाँ पहले ही फोन पर डाक्टर को सूचित कर दिया था अतः तुरन्त चैक अप,ट्रीटमेन्ट शुरू हुआ।डाक्टर विजय पैनढारकर ने एस एस हास्पिटल में भर्ती किया।दो दिन बाद महिला को होश आया।उनका नाम था -हमीदा रूसी।उनके पति लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।

आभा ने रोज गर्मी की तपन में बेटी सृष्टि के साथ चाय नाश्ता खाना समय से बनाकर ले जाती।

कौन किसके लिए इतना करता है पर उसने किया ।आज वो उस दम्पति की दीदी है।एक अमूल्य रिश्ता बंध गया है।हर त्यौहार पर वे फोन करते हैं अपनी बहन आभा को।

संस्कार हस्तांतरित होते हैं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को,सृष्टि बिलकुल आभा जैसी सहृदयी प्यारी बिटिया है।

---अनिता शर्मा झाँसी
----मौलिक कहानी

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