विश्वकर्मा पूजा
शिल्प के निर्माण कर्ता है
उत्कृष्ट सृजन के धर्ता है
सतयुग में स्वर्गलोक बनाया
द्वापर में द्वारकापूरी
त्रेता में सोने की लंका बनाई
इन्द्रप्रस्थ हस्तिनापुर कलयुग में
रचा इन्द्रपुरी यमपुरी सुदामापुरी
त्रिशुल,डमरू सुदर्शन एक पल में
त्रिनेत्र से सुशोभित कर शिव को
84लाख योनियों को उत्पन्न किया
आविष्कार के जनक है देवगुरू
सृष्टि केआविष्कारक के रूप हैं
रिद्धि -सिद्धी इस देव की बेटियां
सतत साथ में चले शुभ लाभ बेटे
ऐसी अदभूत निर्माण करने वाले
अवतरण हुए भाद्रपक्ष शुक्ला में
17 सितम्बर को मनाया जाता है
पूजा उपासना की जाती श्रद्धा से
वो सृजन के स्वामी विश्वकर्मा है।
डॉ इन्दु कुमारी
हिन्दी विभाग
मधेपुरा बिहार
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