Mushkil dagar hai by Jitendra Kabir

 मुश्किल डगर है

Mushkil dagar hai by Jitendra Kabir


एक तो सच्चाई के पथ पर

चलना दुश्वार होता है

ऊपर से बुराई का आकर्षण

भी दुर्निवार होता है,

अकेले ही चलना पड़ता है

इस मुश्किल डगर पर

जबकि बुराई के प्रोत्साहन को

हर यार तैयार होता है,


विषय-विकारों से बचे रहना

कहां आसान होता है

ऊपर से हमारे आसपास ही

बहकाने का सामान होता है,

नित्य नये प्रलोभनों से खुद को

जो बचाता चला जाए

वही इंसान ही तो सही अर्थों में

महान इंसान होता है।


                   जितेन्द्र 'कबीर'
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314

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