*माँ लौट आ वापस ......*
आता है माँ का ख्याल, मन झकझोर जाता है,
माँ लौट आ वापस, तेरा बेटा बुलाता है।
चैन से सोता था हर दिन, तेरे ही आँचल में माँ,
अब सूनी रातों में मुझको, लोरी कौन सुनाता है।
माँ लौट आ वापस, तेरा बेटा बुलाता है।
माँ कहती थी मुझसे, तू मेरी आँख का तारा है,
ममता की चादर ओढ़के मैंने, जीवन सारा गुजारा है।
आँखें भी पथरा गईं, लेकिन तुम नहीं अब दिखती हो,
आज सूना हो गया, जो घर तुम्हारा है।।
माँ लौट आ वापस, तेरा बेटा बुलाता है।
तेरी ही उंगली पकड़ कर, मैंने चलना सीखा है,
तेरा प्रेम गंगाजल जैसा, बाकी सबकुछ तीखा है।
शत शत बार नमन तुझको, और तेरे बलिदानों को,
तेरे सच्चे आदर्शों पर, अब चलना कौन सिखाता है।।
माँ लौट आ वापस, तेरा बेटा बुलाता है।
मेरे सपनों में फूल, तितली और परियाँ तभी तक थीं,
जब सर पर रहता हाथ तुम्हारा, खुशियों की रात तभी तक थी।
मेरा जन्मोत्सव मनाने, वो हर बार मिठाई लाती थीं,
मेरी जननी मेरे पास नहीं, तब जन्मदिन कौन मनाता है।।
माँ लौट आ वापस, तेरा बेटा बुलाता है।
✍️ राहुल अलीगढ़ी
परिचय ..........
नाम : *राहुल अलीगढ़ी*
पिता : श्री चन्द्र भान सिंह
माता : श्रीमती ओमवती देवी
जन्म : 15 जुलाई 1988
सम्मान : श्री राम साधना साहित्य सम्मान, कृष्णवी साहित्य सम्मान (श्री नवमान पब्लिकेशन, अलीगढ़) एवं स्टोरी मिरर, मुम्बई से अब तक 9 प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुके हैं।।
पता : प्रिंस कॉलोनी, मेलरोज़ बाईपास, अलीगढ़ -202001 (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल : 8307778883
ई मेल : rahul.info12@gmail.com
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