हिन्दी दिवस पर गीतिका
तकल्लुफ, बेशुमार हिंदी में
जुवां है शानदार हिंदी में ।
हमने कब इश्क को लव कहा
तुम्हारा प्यार, प्यार हिंदी में।
तुमने तो खत लिखे अंग्रेजी में
हमें तुमसे है, प्यार हिंदी में।
जवानी खत्म होने वाली है
फिर भी न उतरा, खुमार हिंदी में।
तुम्हे पता है मेरे प्यार का राज
छुपाए रखना उसे, यार हिंदी में।
सुनो जी मौत तो हक़ीक़त है
जिंदगी का लिक्खा, सार हिंदी में।
स्वरचित राजेश शुक्ला
सोहागपुर
Comments
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com