Ateet se nikal vartman me aa by Ajay Prasad

 अतीत से  निकल  वर्तमान में आ

Ateet se nikal vartman me aa by Ajay Prasad


अतीत से  निकल  वर्तमान में आ

फ़िर ज़िंदगी के जंगे मैदान में आ।

कब तक रोएगा तू नाकामियों पर

जी चुका जमीं पे आसमान में आ ।

दूसरों पे तोहमत  लगाने से पहले

जा झांक के अपने गिरेवान में आ।

वादा है चुकाऊँगा मोल जाँ दे कर

मुझसे इश्क़ करके,एहसान में आ ।

झूठ के पाँव नहीं होते,सच है मगर

मत किसी झांसे में  बेइमान के आ ।

-अजय प्रसाद


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