यह सदी की सबसे नायाब बीमारी है
बहरों से बातचीत की कोशिश जारी है
यह सदी की सबसे नायाब बीमारी है
सब कुछ कर के भी हम कुछ नहीं करते
जो कुछ नहीं करते , वो सब सत्ता धारी हैं
शक्लें बदलने से शरीर नहीं बदला करते
तो भी गाँवों को शहर बनाने की तैयारी है
सरकार तमगे लगाए फिरती है सीने पे
जबकि मुल्क में भूख अब भी महामारी है
रोटी,कपड़ा,मकाँ मिलके भी नहीं मिलता
क्या करे जनता,योजनाएँ सब सरकारी हैं
हमें मालूम है कि क्या हश्र होना है हमारा
पर क्या करें, हमें भी वतन की खुमारी है
सलिल सरोज
दिल्ली
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