विचारों से बनता है इंसान
विचार अच्छे हों
तो अच्छा बनता है,
हों अगर बुरे
तो बुरा बनता है इंसान,
शरीर को संवारने में
समय देते हैं लोग अक्सर
लेकिन विचारों के परिष्कार पर
बहुत कम लोग देते हैं ध्यान।
याद रखना चाहिए हमें कि
अपने नये, प्रगतिशील विचारों
और सोच की वजह से ही
इस धरती का सर्वश्रेष्ठ जीव
बन पाया है इंसान,
विचार नहीं हैं जिसके अच्छे
वो इंसानी लिबास में है
छुपा हुआ एक पाशविक हैवान।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
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