सरताज है तू
ए भारत के बेटे- बेटियों
हर दिल की आवाज है तू
फहराते रहे हो सदा तिरंगे
हमारी आन बाण शान है तुशीर्षक- सरताज है तु
ए भारत के बेटे- बेटियों
हर दिल की आवाज है
फहराते रहे हो सदा तिरंगे
हमारी आन बाण शान है
भारत के मान बढ़ाने वाले
पूर्वजों के रखवार है तू
वीरता तेरी बसी नसों में
सच्चे भारत के लाल है
जरूरत पड़ी कमान संभाले
कारनामें दिखाते कमाल
विश्वास नहीं कर पाता प्रतिद्वंदी
सहज करते हो धमाल
देशवासियों को गर्व है तुझप
सुर्योदय सा मुस्कान है तू
वीरता की किरणें फैलाने वा
वीर भारत के पहचान है तू
आर्यावर्त तुझसे जाने जा
शीश मुकुट सुर्यभाल है तू
संस्कार कूट- कूटकर भरी
सब देशों के सरताज है तू
स्व रचि
डॉ. इन्दु कुमा
हिन्दी विभा
मधेपुरा बिहा रगरीतहैतेलेरतुतु तु तुतु
भारत के मान बढ़ाने वाले
पूर्वजों के रखवार है तु
वीरता तेरी बसी नसों में
सच्चे भारत के लाल है तु
जरूरत पड़ी कमान संभाले
कारनामें दिखाते कमाल तु
विश्वास नहीं कर पाता प्रतिद्वंदी
सहज करते हो धमाल तु
देशवासियों को गर्व है तुझपर
सुर्योदय सा मुस्कान है तु
वीरता की किरणें फैलाने वाले
वीर भारत के पहचान है तु
आर्यावर्त तुझसे जाने जाते
शीश मुकुट सुर्यभाल है तु
संस्कार कूट- कूटकर भरी है
सब देशों के सरताज है तु
स्व रचित
डॉ. इन्दु कुमारी
हिन्दी विभाग
मधेपुरा बिहार
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