राखी का त्योहार
राखी का त्योहार हम मनाएं रे
उमंग भरी है मन में मिलकर गाएं रे
बचपन की तकरार होठों पे आई रे
कर -करके याद मन मुस्काई है
रक्षाबंधन जब-जबआते सावन में
भाई का प्यार उमड़ते मन के आंगन में
उन लम्हों की यादें ताजा कर ले रे
प्यार से उन बातों को साझा कर लें रे
राखी का त्योहार हम मनाएं रे
उमंग भरी है मन में मिलकर गाएं रे
भाई-बहन का प्यार अति ही पावन है
सावन की हरियाली सी मनभावन है
सजी दूकानें रेशम के इन धागों से
खुशियां मिल रही है पूछो बहारों से
आओ बहना मिलकर दीप जलाएं रे
राखी का त्योहार हम मनाएं रे
भाई-बहन के स्नेह का ये त्योहार है
भाई के कलाई का अद्भूत श्रींगार है
अक्षत कुमकुम,श्रीफल से थाल सजाएं रे
राखी का त्योहार हम मनाएं रे ।
स्व रचित
डॉ.इन्दु कुमारी
हिन्दी विभाग
मधेपुरा बिहार
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