Meri kalam kavita mainudeen kohari bikaneri

 *  मेरी कलम  *

Meri kalam kavita mainudeen  kohari bikaneri


मेरी  कलम  दिखादे  तू  अपना  कमाल ।

रोटी मुझे  मिले  सदा हक़ - ओ - हलाल ।।


मेरी कलम बन जाए मज़लूम की आवाज़  ।

फिर हर तरफ सुनाई  दे खुशियों  के साज़ ।।


मेरी  कलम  बन  जाए सब  जन की बफा  ।

जुल्म  जमाने  से  हो  जाए  रफा - दफा  ।।


जमाने मे  मेरी  कलम से  हो  जाए  अमन ।

इंसानियत की खुशबू  से महका  करे चमन ।।


मेरी  कलम बन  जाए  अवाम  की अज़ीज़  ।

फिर हक़ - ओ - बातिल की समझेंगे तमीज़।।


 'नाचीज'  झूठ - ओ - फरेब से  सदा  रह दूर  ।

हर तरफ चमकता  रहेगा तेरी  क़लम  का नूर ।।

                          *****

'नाचीज़ बीकानेरी' मो . 9680868028

Comments