Dosti kavita by Indu kumari

 शीर्षक- दोस्ती

Dosti kavita by Indu kumari


खरीदी जा सकती दुनिया की हर चीज

पर दोस्ती नहीं

भूलायी जा सकती जिन्दगी की हर चीज पर दोस्तों के साथ की मस्ती नही

बिकाऊ हो सकती दुनिया की हर चीज

पर दोस्ती इतनी सस्ती नहीं

किनारे हो सकते दुनिया के हर रिश्ते

पर दोस्ती की कश्ती नहीं

तोड़े जा सकते दुनिया की हर शक्ति

पर दोस्ती की नहीं

जिनकी यादें होठों की मुस्कुराहट बने

  दोस्ती से बड़ा कोई नहीं

चुकायी जा सकती दुनिया की हर कीमत

पर सच्ची दोस्ती की नहीं

उजाड़े जा सकते दुनिया की घरोंदें

पर दोस्ती की नहीं

   स्व रचित

           डॉ. इन्दु कुमारी

मधेपुरा बिहार

Comments