zindagi ka wada by Abhilekha Ambasth Gazipur


शीर्षक-
जिंदगी का वादा



कहीं कम तो कहीं ज्यादा,
बस यही है जिंदगी का वादा, 
कहीं धूप कहीं छाया,
 बस यही जिंदगी का फ़साना, 
कहीं रुप तो कहीं रंग, 
बस यही है जिंदगी का ढंग,
 कहीं पतंग तो कही धागा, 
बस यही है जिन्दगी का वादा
 कहीं धूप तो कहीं सुहाना, 
बस यही है जिंदगी का तराना, 
कहीं बंध तो कहीं अनुबंध,
 बस यही है जिंदगी का निबंध, 
कहीं फूल तो कहीं कांटा , बस यही है जिंदगी का चांटा
 कहीं चांद तो कहीं,सूरज, 
बस यही है जिंदगी की सूरत, 
कहीं लेख तो कहीं अभिलेख, 
बस यही है जिन्दगी का प्रतिलेख अभिलेखा अम्बष्ट , 

स्वरचित गाजीपुर उत्तर प्रदेश

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