tumhare raste se zindagi aabad by priya singh lucknow

तुम्हारे रास्ते से ज़िन्दगी आबाद बाबूजी।

tumhare raste se zindagi aabad  by  priya singh lucknow



तुम्हारे रास्ते से ज़िन्दगी आबाद बाबूजी।
इसी दर्जा मिरी करते रहें इमदाद बाबूजी।।


मिरे जीवन में उन का मर्तबा इतना मुक़द्दस है,
ख़ुदा सब से है आला और ख़ुदा के बाद बाबूजी।।


मुसीबत से हमेशा आपने लडना सिखाया है,
कहीं देखा नहीं है आप सा उस्ताद बाबूजी।।


मिरे अंदर नहीं था कुछ जिसे मख्सूस कहते सब
बदोलत आपके फिर भी मिली है दाद बाबूजी


हमेशा सर पे मेरे आपका ही दस्ते शफ़क़त है
करूँ फिर क्यों भला मैं ग़ैर से फ़रियाद बाबूजी




प्रिया सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश

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