तालमेल बनाना भी है मेहनत का काम
बहुत सारी मेहनत और पैसा खर्च करके
बना लेता है एक इंसान
अपने रहने के लिए भवन एक आलीशान,
लेकिन घर उसे बनाता है
उसमें रहने वाले लोगों का
एक-दूसरे के प्रति स्नेह, चिंता और सम्मान,
आपसी तारतम्य बनाए रखना भी
है बहुत जरूरी काम,
ज्यादा लोग देते नहीं अक्सर जिस ओर ध्यान।
ज्यादातर लोग किसी न किसी कार्यस्थल पर
जीवन निर्वाह के लिए
दिन के आठ-दस घंटों तक करते हैं काम,
लेकिन काम करने में भी मजा है
केवल तभी तक
जब तक न हो वहां कलह क्लेश का निशान,
लड़ाई झगड़ा जिस जगह पर बना ले
अपना स्थान
उस जगह जाने से कतराने लगता है अक्सर इंसान।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
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