kavit-yaaden by narayan laal new delhi

यादें

kavit-yaaden by narayan laal new delhi


यादों को दिल में बसाए रखना,
दिल के करीने में सजाए रखना.
यादें बड़ी अनमोल हुआ करती हैं,
हीरे-मोती हैं इसको बचाए रखना.
ये चमने-अमन की दौलत है,
इसको हर पल सीने से लगाए रखना.
ये ऐतिहासिक शुकूने- चिराग है,
इसको हमेशा की तरह जलाये रखना.
यादें अगर मनहूस व कड़वी हो,
तो उसे दिल के किसी करीने में दफनाये रखना.
यादें अगर हसीन और खुबसूरत हो,
तो उसे दिल के सामने के दरबाजे पे सजाये रखना.
यादें तो हमें सताती हैं, यादें तो हमें रूलाती हैं.
यादें तो हमें हंसाती हैं,
यादें तो हमें स्पन लोक तक लाती हैं.
यादें तो हमें जगाती हैं, यादें तो हमें सुलाती हैं.
यादें तो बस यादें हैं हर पल याद में आती हैं,
ये हमसे दूर कभी नहीं हो पाती हैं.
नारायण लाल, नई दिल्ली
स्वरचित @सर्वाधिक सुरक्षित
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