Jivan jeene ki kala by Anita Sharma

 जीवन जीने की कला!

Jivan jeene ki kala by Anita Sharma


मानव जीवन ईश्वर प्रदत्त उपहार है ।

     कितनी लहरें उठती गिरती जीवन में।

          सीखना है जीवन जीने की कला ।


संघर्षों से घिरा प्रति पल जीवन।

    हर क्षण बीत रहा प्रति स्पर्धा में।

         सकारात्मक ऊर्जा से भरें जीवन।


संस्कार और मर्यादा के साथ।

    सत्य पथ को चुनकर बढ़े आगे।

         यही तो है,जीवन जीने की कला।


निष्काम कर्म हो परोपकार संग।

     कल्याण मार्ग हो जीवन आधार।

          यही तो है जीवन जीने की कला।


सद्वृत्ति हो,पूर्ण आस्था का संचार।

      भक्ति का पथ हो विश्वास से भरा।

          यही तो सद्-जीवन जीने की कला।।

-----अनिता शर्मा झाँसी

-----मौलिक रचना।

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