इतना काफी है
वो कहते हैं
कि लिखने से तेरे क्रांति आ जाए
इतना महान भी तू लेखक नहीं,
मैं कहता हूं
कि पढ़कर मुझे अच्छी-बुरी कोई भी प्रतिक्रिया
देने को तेरा दिल मचल जाए
शुरूआत के लिए इतनी चिंगारी काफी है।
वो कहते हैं
कि लिखने से तेरे किसी का
जीवन बदल जाए
इतना महान भी तू लेखक नहीं,
मैं कहता हूं
कि पढ़कर मुझे बदलाव की बात भी
मन में तेरे उतर पाए
शुरूआत के लिए इतना प्रभाव काफी है।
वो कहते हैं
कि लिखने से तेरे किसी की
मुश्किलें कम हो जाएं
इतना महान भी तू लेखक नहीं,
मैं कहता हूं
कि पढ़कर मुझे किसी के अंतर्मन को
सांत्वना ही मिल जाए
शुरूआत के लिए इतना जुड़ाव काफी है।
जितेन्द्र 'कबीर'
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
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