chhoti behna kavita by Anita Sharma jhasi


 छोटी बहिना

chhoti behna kavita  by Anita Sharma jhasi


एक डाली के फूल थे हम ,

    कितने बसंत साथ जिये।

        हर सुख दुख में साथ रहे,

            पल दो पल भी जुदा नहीं थे।


कितने प्यारे पल थे बहना,

     साथ साथ हम पढ़ते थे तब।

          कितनी बातें कितनी यादें हैं,

               छोटी बहिन प्यारी सी थी तुम।


तुम ही बहन और मित्र थी,

     हर राज़ की राज़दार थी तुम।

          हर क्षण साथ रहे हम बहना,

              क्यों एकान्त पथ चुना था तुमने।


कितनी अकेली हूँ तुम बिन मैं,

      कैसे जीवन जीती तुम बिन।

          जुड़वा लोग समझते थे हमें,

               कैसे छोड़ चली एकाकी।

      -----अनिता शर्मा झाँसी


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