मेरी कविताओं में...
मेरी कविताओं में है...
तुमसे जो मिली थी
पहली नजर
और उसके बाद निहार पाया
तुम्हें जितना
उन सब खुशियों का असर।
मेरी कविताओं में है...
तुमसे जो हुई थी
पहली मुलाकात
और उसके बाद कर पाया
तुम्हें जितना
अपने मन में आत्मसात।
मेरी कविताओं में है...
तुम्हारा हंसना-मुस्कुराना,
मस्ती में गुनगुनाना
और कभी तुम्हारा उदास होना,
चुपके से आंसू बहाना।
मेरी कविताओं में है...
तुम्हारा पहली बार मेरे
करीब आना
और उन लम्हों में तुम्हारा
शर्माना,घबराना व हिचकिचाना।
मेरी कविताओं में है...
तुमसे जुदा होने का एक
लाईलाज सा दर्द भी
और तुम्हारी हर बात को
कविता में उतारने का मर्ज भी।
मेरे जीवन में तुम्हारा होना
कविता का होना है
और नहीं होना
एक कभी ना भरने वाले
रिक्त स्थान का होना है।
- जितेन्द्र 'कबीर'
जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
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