Ishq me ankho se ashq ka behna jaruri
गीत - Ishq me ankho se ashq ka behna jaruri
गीत
इश्क में आंखों से
अश्क का बहना जरुरी
जैसे सोने को
आग में तपना जरुरी
ऐसे तेरे हो गये हैं हम दिवाने
जैसे जिने के लिए हवा जरुरी
तुझको चाहूं तेरे यादों
में रहूं मैं रात दिन
छोड़ कर कर जाना तेरा
दर्द देता रात दिन
एक मोहब्बत ही है जो मैं जी रहा हूं
दर्द सिने में छुपाना है जरुरी
तुम कहाँ हो मैं भटकता
प्यार की मंजिल अधूरी
सह न पाऊ पास आओ
मिटा दो आपस की ये दूरी
ऐसे तेरे हो गये हैं हम दिवाने
जैसे जिने के लिए हवा जरुरी
रुप तेरा रंग तेरा बस गया है दिल में मेरे
प्यार के बरसात तेरे साथ मेरा संग तेरे
आज भी तेरे ही जलवे दिल पे मेरे
ज़ख्म भरने के लिए दवा जरूरी
इश्क में आंखों से
अश्क का बहना जरूरी
जैसे सोने को
आग में तपना जरुरी
ऐसे तेरे हो गये हैं हम दिवाने
जैसे जिने के लिए हवा जरुरी
जैसे जिने के लिए हवा जरुरी
जैसे जिने के लिए हवा जरुरी
कवि सी.पी. गौतम
ishq me aankho se
ashq ka behna jaruri
jaise sone ko
aag me tapna jaruri
aise tere ho gaye hai hm diwane
jaise jeene ke liye hawa jaruri
tujhko chahun tere yadon
me rahoo mai rat din
chodkar jana tera
dard deta rat din
ek mohabat he hai jo mai jee raha hun
dard seene me chupana hai jaruri
tum kahan ho mai bhatakta
pyar ki manzil adhuri
sah na pau pas aao
mita do aapas ki ye doorie
aise tere ho gaye hai hm diwane
jaise jeene ke liye hawa jaruri
roop tera rang tera bas gya hai dil me mere
pyar ke barsaat tere sath mera sang tere
aaj bhi tere he jalwe dil pe mere
jakhm bharne ke liye dwa jaruri
ishq me aankho se
ashq ka behna jaruri
jaise sone ko
aag me tapna jaruri
aise tere ho gaye hai hm diwane
jaise jeene ke liye hawa jaruri
jaise jeene ke liye hawa jaruri
Kavi C.P. Gautam
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