Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Mamta_kushwaha, poem

बारिश | kavita- barish

बारिश आज खूब बारिश हो रही है याद है वह बचपन का दौर जब होने लगती थी बारिश झमाझमतो निकलती …


बारिश

बारिश | kavita- barish
आज खूब बारिश हो रही है

याद है वह बचपन का दौर

जब होने लगती थी बारिश झमाझम
तो निकलती थी हमारी टोली

बारिश की फुआरों में हमसब
करते खूब मस्ती,नहीं सुनते बड़े बुजुर्गों की

बस अपने ही धून में निकल पड़ते सब
बारिश में भिगने को और

कोई लाता कागज बनाता नाव
तो कोई पत्ते तोड़ छतरी बनाता

तो कोई कीचड़ में उछल कूद करता
याद है वह बचपन का दौर

निश्चछलता परिपूर्ण हम सब खूब खेलते
देखो आज खूब बारिश हो रही है

याद है वह स्कूल का दौर
जब होने लगती थी बारिश

कर स्कूल की छूट्टी भिगते -भिगते
घर लौटते हम सब और

दूसरे दिन जुखाम का बहाना कर
और एक दिन कर देते छुट्टी

कुछ इस तरह करते थे शरारते
वह बचपन का दौर था

हमारा बचपना यादों में रह गया
अब तो दूजे बच्चों को देख

अपना दौर याद करते हैं
और अनकहे किस्से कहते हैं ।

About author 

Mamta kushwaha
ममता कुशवाहा
मुजफ्फरपुर, बिहार

Related Posts

Sab rajneeti ki bhet Chadh jayega by jitendra kabir

July 16, 2021

 सब राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा बहुत मेधावी होगा अगर किसी का बच्चा तो डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक अधिकारी, खिलाड़ी या

Bhatka pyar by kamal bhansali

July 16, 2021

 भटका प्यार बदली सी, तेरी सूरत बहुत कुछ कहती इन आँखों में, तस्वीर दूसरे की सजती तेरे गुमशुदा ख्यालों में,

Andhnishtha me andhe inshan by Jitendra kabir

July 11, 2021

 अंधनिष्ठा में अंधे इंसान धर्म का चश्मा अपनी अक्ल पर पहने इंसान दूसरे धर्मों में देखता है केवल कमियां, उनकी

sirf upyogita ko salam by Jitendra kabir

July 11, 2021

 सिर्फ उपयोगिता को सलाम गौशालाओं में… सबसे बढ़िया एवं पौष्टिक चारा आता है दुधारू गाय और उपयोगी बैल के हिस्से

Kavi sandesh by dr indu kumari

July 11, 2021

 शीर्षक -कवि संदेश  दिल हाथ में लिए घूमते हो,  ऐ मेरे देश के युवा कवि।  तु रौशनी फैलाने आए हो 

Manmohna by dr indu kumari

July 11, 2021

 मनमोहना            मनमोहना इतना बता . तू कहां नहीं हो             

Leave a Comment